डॉ कल्ला मोती रत्न अवार्ड से विभूषित - Khulasa Online डॉ कल्ला मोती रत्न अवार्ड से विभूषित - Khulasa Online

डॉ कल्ला मोती रत्न अवार्ड से विभूषित

गोपीनाथ भवन में आयोजित हुआ सम्मान समरोह
बीकानेर। सुप्रसिद्ध गायक और रचियता स्वर्गीय पंडित मोती लाल रंगा की 23 वीं पुण्यतिथि पर स्थानीय गोपीनाथ भवन डागा चौक में शास्त्रीय संगीत कला मंदिर के द्वारा ऊर्जा एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मंत्री डॉ बी डी कल्ला को Óमोती रत्न अवार्डÓ से विभूषित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें स्मृति चिन्ह, अभिनंदन पत्र, शाल, साफा और श्रीफल प्रदान किया।
गोपीनाथ भवन में आयोजित कार्यक्रम में डॉ.कल्ला ने कला संगीत और साहित्य की मनुष्य जीवन में अनिवार्यता को बताते हुए कहा कि सभ्यता और संस्कृति के विकास में इनका बड़ा योगदान है। उन्होंने स्व.मोतीलाल जी के व्यक्ति त्व को अनुकरणीय बताते हुए कहा कि वे संगीत के सच्चे साधक थे और कई रागो को उन्होंने सिद्ध किया हुआ था। डॉ कल्ला ने मोती लाल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की जानकारी दी और कहा कि रंगा जी एक सच्चे स्वर साधक थे जिन्होंने संगीत की सच्चे मन से पूजा की। उन्होंने संस्था के उन विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया जिन्हो ंने शिक्षा और संगीत दोनों के क्षेत्र में सर्वोच्च अंक प्राप्त किये। जनार्दन कल्ला ने संस्था के अध्यक्ष नारायण रंगा की सराहना करते हुए कहा कि वे स्व मोतीलाल की विरासत को आगे बढ़ाने वाले सच्चे पुत्र और शार्गीद है।
इस अवसर पर एक संगीत संध्या का आयोजन भी किया गया, जिसमें कला मंदिर के संगीत के विद्यार्थियों ने अपने गीतों की प्रस्तुति दी। इससे पहले कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत जनार्दन कल्ला, समाज सेवी राजेश चुरा, छगन आचार्य, पखावज वादक शिव किशन दवे और मशहूर गायक सांवरलाल रंगा ने माँ सरस्वती और मोती लाल जी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके की।
सांवर लाल ने अपने गुरु श्री मोती लाल जी के जीवन के वृतांत से सभी श्रोताओं को भावुक कर दिया। कार्यक्रम में संस्था के बच्चों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां दी ,जिस पर डॉ कल्ला भी दाद देते दिखाई दिए। समूहगानदल ने Óबादली रो पाणीÓ से श्रोताओं में राजस्थानी माहौल बनाया। कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति रही मेघा आचार्य का गीत Óबाजे रे मुरलिया बाजेÓ की रही, वही निकिता हर्ष का एकल गायन Óमधुबन में राधिका नाची रेÓ ने श्रोताओं की तालियां बटोरी। सामूहिक शास्त्रीय गायन Óढीठ लंगरवा कैसे घर जाऊÓ खुशी पारीक, अंकित व्यास, हृषिका, क निष्का, नीलिमा,हरि, वि_ल ने प्रस्तुत किया। हार्मोनियम पर नारायण दास रंगा और तबला पर प्रमोद व्यास ने संगत की। डॉ.कल्ला का सम्मान करने वालोंं में भँवर लाल रंगा, राकेश आचार्य, कैलाश रंगा, गिरधर रंगा, मनोज रंगा, मुके श रंगा, मुकुंद, मुकुल रंगा, सुनील पुरोहित और समस्त रंगा परिवार और कला मंदिर के सदस्यों शामिल थे।
इस अवसर पर अनिल कल्ला, एडवोकेट श्रीनाथ रंगा, चंद्र प्रकाश रंगा, केशव रंगा, एडवोकेट चंद्र शेखर हर्ष और कई गणमान्य व्यक्तियों ने रंगा जी को नमन किया। हेमन्त रंगा ने आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।

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