कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीन हो गई है कांग्रेस सरकार:चंपावत - Khulasa Online कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीन हो गई है कांग्रेस सरकार:चंपावत - Khulasa Online

कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीन हो गई है कांग्रेस सरकार:चंपावत

खुलासा न्यूज,बीकानेर। सरकार सत्ता सुख पाकर निरंकुश हो जाती हैं ऐसे में कर्मचारी महासंघ को इन्हें जगाने के लिए बिगुल बजाने की आवश्यकता है और इसका आगाज मुख्यमंत्री के गृह जिले से 19 मार्च से किया जाएगा। बीकानेर प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत में राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह चंपावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीन होकर काम कर रही है। लंबे समय से महासंघ कर्मचारियों के हितों के लिये लड़ रहा है। उनकी समस्याओं का निस्तारण करने की बजाय सरकार टालमटोल की स्थिति में है। ऐसे में अब महासंघ आरपार की लड़ाई के मूड में है। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों की 27 सूत्रीय मांगों को लेकर महासंघ ने बजट का इंतजार किया जिसमें उम्मीद जताई गई थी कि मुख्यमंत्री बजट में राज्य व मंत्रालयिक कर्मचारियों के हित में घोषणा करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं जिसके कारण कर्मचारी वर्ग रोष है। चंपावत ने बताया कि 5 अगस्त को हमारी 27 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता हुई थी जिसमें गहलोत ने कहा था कि एक माह के अंदर-अंदर आपकी मांगों पर सकारात्मक फैसला लिया जाएगा, लेकिन आज दिनांक तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि 19 मार्च से कर्मचारियों की मांगों को लेकर जोधपुर जिले से महासंघ की ओर से जनजागरण अभियान की शुरूआत की जाएगी,जो कि राज्य के हर संभाग में चलाया जाएगा जिसके कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार को चेताने का काम किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में भंवर पुरोहित,आदराम बिस्सू,श्रवण कुमार वर्मा सहित अनेक कर्मचारी नेता मौजूद रहे।
संघ की प्रमुख 27 मांगे हैं
आर्थिक रूप से शोषित जनता जल योजना कर्मी, पंचायत सहायक, एनआरएचएम कर्मी, वन मित्र, कृषि मित्र, पैरा टीचर, मदरसा पैराटीचर, शिक्षाकर्मी, चिकित्सा कर्मी, लोक जुंबिश कर्मचारी, नरेगा कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , आशा सहयोगिनी, कंप्यूटर ऑपरेटर,जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के जल जीवन मिशन में कार्यरत सलाहकार,अभियंत्रकी महाविद्यालयों एव अशैक्षणिक कर्मचारी , वार्षिक निविदा/ संविदा आधार पर वर्षों से कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, लिपिक सफाई कर्मी तकनीकी कर्मचारी, कंप्यूटर कर्मी रोजगार सहायक मनरेगा कर्मी, कुक कम हेल्पर‌ रसोईया, वार्डन, कस्तूरबा गांधी विद्यालय की अध्यापिका इत्यादि पर नियमानुसार निर्णय किया जाए।
निम्नानुसार निर्णय किया जाए।
1 ्र. उपरोक्त समस्त कार्मिकों को नियमितीकरण हेतु नीति निर्धारण की जाकर इन्हें नियमित किया जाए।नियमित होने तक समान कार्य समान वेतन मान का नियम लागू किया जाए।
क्च. उपरोक्त कार्मिकों को श्रम कानून अनिवार्य पीएफ ईएसआई एवं सवेतन अवकाश, भत्ते, बोनस, मेडिकल सुविधा, ग्रेच्युटी सामूहिक दुर्घटना बीमा काला पिक्चर आदि सुविधाएं लागू की जावे तथा वेतन भुगतान बैंक के माध्यम से किया जावे।
ष्ट. संविदा/मानदेय कर्मी/निविदा कर्मी का मानदेय मिनिमम वेजेस/ मिनिमम पे को आधार मानकर तय किया जावे/ एवं पैरा टीचर मदरसा पैरा टीचर्स एवं अन्य को न्यायालय निर्णय अनुरूप समान काम के लिए समान वेतन लागू किया जावे साथ ही शिक्षाकर्मियों की रोकी गई 2005 की सुविधाओं को लागू किया जाए।
ष्ठ. सभी संवर्ग‌ में नियमित करते समय संविदा सेवा के अनुभव अ
3 अनुपात 1 के आधार पर नियमित सेवा पर पुरानी सेवा का इंक्रीमेंट( 3 साल पर एक इंक्रीमेंट) राजस्थान पंचायती राज प्रबोधक सेवा नियम 18 सितंबर की भांति दिया जावे।
राष्ट्रीय न्यू पेंशन योजना को दिनांक 1.04.2004 कि पूर्व की भांति राज्य के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जावे ( ठ्ठश्चह्य के स्थान पर)
2्र. पेंशन पुरानी योजना लागू हो जब तक केंद्र के कर्मचारियों की बाती भारत सरकार के राजपत्र दिनांक 31‌ जनवरी 2019 की तिथि से राज्य का हिस्सा 10त्न से बढ़ाकर 14त्न किया जावे।
3.सातवां वेतनमान लागू करते समय छठे वेतनमान की अनुसूची पंचम के संशोधन ग्रेड पे कटौती को वापस लिया जावे साथ ही लेवल9,ए,9वी,10,10ए को विलोपित/समायोजित करते हुए एसीपी का लाभ दिया जावे तथा 30 10 17 एवं 22.6. 2017 के नोटिफिकेशन द्वारा 57 2013 की अधिसूचना रद्द की गई है उसे वापस लिया जावे, जिससे अल्प वेतनभोगी अधीनस्थ कर्मचारियों को नुकसान से बचाया जा सके।
3्र कनिष्ठ सहायक का ग्रेड पे 3600 या मंत्रालयक कर्मचारियों को सचिवालय पैटर्न किया जावे
3 (क्च). राजस्थान कनिष्ठ अभियंता का वेतनमान पंजाब उत्तराखंड आदि की तरह ग्रेड पे 4800 जावे।
3 (ष्ट). शीघ्र लिपिक, पिए का पदनाम निजी सहायक सेकंड एवं निजी सहायक फर्स्ट किया जावे । इस हेतु मंत्री मंडल की उप समिति बैठक दिनांक 11.4.2018 एवं 28.05.2018 मैंने जिस पर कार्मिक विभाग भी सहमत है उसके आदेश जारी हो।
राज्य कर्मचारियों की 9, 18, 27, के स्थान पर 8,16, 24,32 के अंतराल पर चार एसीपी का लाभ दिया जावे।
सभी पदोन्नति टाइम स्क्रीन के आधार पर की जावे।
इंजीनियर, मंत्रालयिक कर्मी, शिक्षक, प्रबोधक तकनीकी
कर्मी,, चिकित्सा कर्मी, स्टेनोग्राफर, लैब टेक्नीशियन, नर्सेज रेडियोग्राफर, लेखा कर्मी महिला पर्यवेक्षक, वन कर्मी, पंचायती राज कर्मी,इत्यादि अधीनस्थ सवर के कर्मचारियों की सातवें वेतनमान का इससे पूर्व की वेतन विसंगतियों को दूर करने हेतु डी सी सामंत की कमेटी की रिपोर्ट को शीघ्र प्राप्त कर, लाभकारी रिपोर्ट को लागू किया जावे।
महिला पर्यवेक्षकों की पदोन्नति सुनिश्चित की जावे। साथ ही सीनियर सुपरवाइजर का पद विलोपित करते हुए आगे के पदों के एसीडीपीओ, सीडीपीओ पद पर ही पदोन्नत किया जावे
वन कर्मियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर , पुलिस के समान वेतन भत्ते सुविधाएं दी जावे।
संस्कृत शिक्षा सेवा नियम 2015 ( स्कूल शिक्षा,) निर्धारित प्रशासनिक अधिकारी तथा सहायक निदेशक, उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक, संस्कृत शिक्षा अधिकारी के पदों की वित्तीय/ प्रशासनिक स्वीकृति शीघ्र ही जारी करते हुए इन पर पदस्थापन किया जावे।
राज्य कर्मचारियों कि राज्य कार्य निष्पादन के दौरान मृत्यु होने पर मृत्यु तिथि से 10 वर्षों तक पूर्ण पेंशन/मानदेय देने के संबंध में निर्णय लिया जावे।
केंद्र के सम्मान 30 जून को सेवानिवृत्ति होने वाले शिक्षक / कर्मचारी को वेतन वृद्धि का लाभ राज्य के कर्मचारियों को भी दिया जावे।।
ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने वाले कार्मिकों को विशेष ग्रामीण भत्ता एवं मकान किराए के भत्तों में वृद्धि की जावे।
12.(्र). सभी प्रकार के देय भत़ो में केंद्र के अनुरूप वृद्धि कर शीघ्र लागू किया जावे जैसे कि हार्ड ड्यूटी एलाउंस वर्दी भत्ता धुलाई भत्ता, गैस भत्ता , साइकिल इत्यादि।
12 (क्च). सरकार द्वारा नगर निगम का सीमांकन किया गया है।इसके अंतर्गत आने वाले सभी सेवारत शिक्षक/कर्मचारीयों को सम्मान मकानकिराया भत्ता/शहरी भत्ता दिया जावे।
सभी विभागों के वर्क चार्ज कर्मचारियों का नवीनीकरण करते हुए इन्हें नियमित करते हुए सभी संवर्गमें पदोन्नति की जावे।
13(्र). जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मैं वंचित योग्यताधारी तकनीकी कर्मचारियों को स्टोर मुंशी बनाया जावे।
मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के अंतर्गत कार्यरत संविदा मशीनविद मैन ( कंप्यूटर ऑपरेटर) का मासिक भुगतान ष्टक्र॥ढ्ढस् स्ह्रस्नञ्जङ्ख्रक्रश्व के माध्यम से करवाया जावे एवं मासिक वेतन वृद्धि व स्थायीकरण किया जावे।
राजस्थान राज्य के समस्त विश्वविद्यालयों अभियांत्रिकी महाविद्यालयों तथा राज्य क्रीडा परिषद के कार्मिकों को स्ववित पोषित योजना के बजाय वेतन/ पेंशन के भुगतान प्रथक से बजट का भुगतान किया जाए।
समग्र शिक्षा के अधीन कार्यरत एमआईएस और कंप्यूटर ऑपरेटर कि ठेका प्रथा समाप्त कर सीधा संविदा पर रखा जाए, और अन्य संविदा कर्मियों की तरह सभी सुविधा देते हुए इन्हें नियमित किया जावे।
राज्य के सभी नगर निकाय कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होती है अत: अन्य पेंशनर्स की तरह चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जावे एवं इनकी कई वर्षों से लंबित डीपीसी जल्द ही की जावे।
इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्था में 2004 से पूर्व शेष रहे 23 कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जावे।
19.सभी कर्मचारी संगठनों द्वारा सरकार को प्रेषित मांग पत्रों पर वार्ता करते हुए जल्द ही उन पर निर्णय लेकर आवश्यक कार्रवाई की जावे। ‌‌ गैर वित्तीय मांग
राज्य कर्मचारियों जैसे लैब टेक्नीशियन, नर्सेज, रेडियोग्राफर,शीघ्र लिपिक आदि अन्य संवर्ग के पद नाम परिवर्तन कर शीघ्र निर्णय लिया जावे।
प्रबोधको एवं शारीरिक प्रबोधको की लंबित डीपीसी पर सिख निर्णय करते हुए शहरी क्षेत्र में स्थानांतरण किया जाए।
22 .संस्कृत शिक्षा महाविद्यालयों में प्रोफेसरों के डाइंग कैडर मे डाले गए पदों को बहाल कर रिक्त पड़े पदों पर पदस्थापन किया जावे।
राज्य कर्मचारी/ अधिकारी की मृत्यु होने पर आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति पूर्व की भांति ( स्केल नंबर 9 की बाध्यता को हटाकर) आश्रित को शैक्षणिक/प्र शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी जावे।
डिप्लोमाधारी सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता पद पर पदोन्नति में समान कार्य समान वेतन एक ही वरिष्ठता सूची होने पर अनुभव अवधि समान ( 15 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष) की जावे।
टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों का नॉन टीएसपी क्षेत्र मैं स्थानांतरण किया जावे,तथा तृतीय श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी शिक्षकों का भी स्थानांतरण किया जावे।
प्रदेश के सभी नगर पालिका/ नगर परिषद/ नगर निगम क्षेत्रों में जनसंख्या के आधार पर सफाई कर्मियों की भर्ती की जावे।
सेवा से पृथक किए गए संविदा कार्मिकों, कंप्यूटर ऑपरेटर, अनुदेशक, प्रेरक, विद्यार्थी मित्र को पुन: रोजगार उपलब्ध कराने हेतु विधि संवत। निर्णय लिया जावे।शुक्रवार को रमेश चंद्र उपाध्याय पीएचडी तकनीकी जिला अध्यक्ष के कार्यालय में संघ की मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष भंवर पुरोहित ने बताया कि, उक्त मांगे सरकार द्वारा जल्द नहीं माने जाने पर , राज्य के 700000 कर्मचारी सड़कों पर आंदोलनरत होंगे।

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