एमआरआई फर्म की ठेका अवधि बढ़ाने का विरोध शुरू,संभागीय आयुक्त के पास पहुंची शिकायत
बीकानेर। पीबीएम अस्पताल में एमआरआई के ठेके को लेकर प्रकाशित समाचार में भ्रष्टाचार की आश ंका के चलते स्वयंसेवी संस्थाओं ने कमर कसते हुए। संभागीय आयुक्त को इस मामले को गंभीरता से लेने का ज्ञापन सौंपा है। सावधान संस्थान के दिनेश सिंह भदौरिया की अगुवाई में संभागीय आयुक्त से मिले एक शिष्टमंडल ने अवगत कराया कि पीबीएम प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा बार बार एक ही फ र्म को इसके संचालन का ठेका देना सवाल खड़े करने वाले है। जबकि जिले के आलाधिकारियों के द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान इसमें अनेक बार अनियमितताओं की शिकायत आई है। उसके बाद भी इसके संचालन का ठेका एक ही फर्म को देना कही न कही भ्रष्टाचार की ओर संकेत कर रहा है।
वृद्व व दिव्यांगों को भी रात को बुलाते है जांच के लिये
संस्थान ने शिकायत कि है कि एक ओर तो राज्य सरकार वृद्वजन और दिव्यांगों की सुविधाओं के लिये अनेक जतन कर रही है। वहीं दूसरी ओर एमआरआई करने वाले फर्म के कार्मिक वृद्वजन और दिव्या ंगों को भी जांच के लिये मध्य रात्रि का समय दे रहे है। जबकि इनको प्राथमिकता से जांच के निर्देश राज्य सरकार ने ही दे रखे है। यहीं नहीं वृद्वजन और दिव्यांगों को जांच में छूट का प्रावधान है। जबकि फर्म के कार्मिक इनसे भी जांच राशि के नाम पर मनचाही वसूली करते है। ऐसे में जिले से बाहर से आने वाले रोगियों व उनके परिजनों को खासी परेशानी होती है।
आए दिन खराब रहने लगी है मशीन
उन्होनें अवगत कराया कि अहम जांच होने के बाद भी एमआरआई व सिटी स्कैन की मशीनें आए दिन खराब रहने लगी है। मशीन खराबी के चलते जांच के लिये एक सप्ताह तक का समय रोगियों को दिया जाने लगा है। जिससे मजबूरन मंहगी दरों पर रोगियों को निजी लैबों से यह जांच करवानी पड़ रही है।
खुली निविदा से हो ठेका प्रथा
ंसंस्थान ने संभागीय आयुक्त से मांग की है कि निविदा खुली व पारदर्शी तरीके से हो। ताकि एक ही फर्म मनमर्जी न कर सके।