प्रमोट में कम अंक आने पर लॉकडाउन के बाद परीक्षा दे सकेंगे कॉलेज के विद्यार्थी - Khulasa Online प्रमोट में कम अंक आने पर लॉकडाउन के बाद परीक्षा दे सकेंगे कॉलेज के विद्यार्थी - Khulasa Online

प्रमोट में कम अंक आने पर लॉकडाउन के बाद परीक्षा दे सकेंगे कॉलेज के विद्यार्थी

खुलासा न्यूज,जोधपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को बगैर परीक्षा के प्रमोट करने को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं। वर्तमान स्थिति के अनुसार पूरे प्रदेश में केवल एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम और प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। स्नातक प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर पूर्वाद्ध के विद्यार्थी प्रमोट किए जाएंगे। प्रमोट होने वाले विद्यार्थी अगर संतुष्ट नहीं होते हैं तो कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर वे बाद में परीक्षा देकर अंक सुधार कर सकेंगे।स्नातक अंतिम वर्ष और स्नातकोत्तर उत्तराद्र्ध के विद्यार्थियों को लेकर जो संशय एक महीने पहले था, वह आज भी बना हुआ है। राज्य सरकार ने अपनी गाइडलाइन में इसको लेकर कुछ खास स्पष्ट नहीं किया है। केवल महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए अपनाई जा रही मूल्यांकन पद्धति से उच्च शिक्षा विभाग को भी अवगत करा देंवे। संशय होने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइडलाइन देख देने की बात कही गई है, जबकि यूजीसी ने गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा को आवश्यक बताया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आना बाकी है। ऐसे प्रमोट होंगे छात्र छात्राएं सेमेस्टर विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत अंक पूर्ववर्ती सेमेस्टर और 50 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन से मिलेंगे। स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को 10वीं और 12वीं के औसत अंक के आधार पर अंक देने हैं। स्नातक द्वितीय वर्ष को प्रथम वर्ष के आधार पर और साथ ही 5 प्रतिशत बोनस अंक मिलेंगे। स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध के विद्यार्थियों को असाइनमेंट वर्क के आधार पर अंक दे सकते हैं। स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष को लेकर कोई खास निर्णय नहीं। विधि संकाय को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम मान्य होंगे। बार ने अभी तक गाइडलाइन नहीं दी है। एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम व प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम की परीक्षा होगी। इंजीनियरिंग, फार्मेसी, ऑनर्स परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइन में कुछ भी नहीं। विवि व महाविद्यालयों को कठिनाई होने पर वे यूजीसी की गाइडलाइन का सहारा ले सकेंगे। प्रमोट से असंतुष्ट विद्यार्थियों के लिए सामान्य स्थिति होने पर अंक सुधार के लिए परीक्षा विकल्प खुला रखा गया है। ये नियम सभी नियमित, स्वयंपाठी और पूर्व छात्रों पर लागू होंगे।

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