सीएमएचओ डॉ. कश्यप का जबरदस्त विरोध, क्या कलक्टर मेहता लेंगे कुमारपाल गौतम जैसा निर्णय
– किसके दबाव में कलक्टर मेहता, सीएमएचओ का विरोध होने के बावजूद भी क्यों नहीं ले रहे एक्शन
खुलासा न्यूज, बीकानेर। एक और तो जिले में कोरोना संक्रमण की चैन टूटने का नाम नहीं ले रही है वहीं दूसरी ओर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही और जिला प्रशासन की मॉनिटरिंग के अभाव में जिले में कोरोना विकराल रूप लेता जा रहा है। जिसका कहीं ना कहीं मुख्य कारण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. सुकुमार कश्यप को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिले के चिकित्सा महकमे के मुख्या कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है। यही वजह है कि जिले में कोरोना शहर से गांव तक पसर गया है। हालांकि सीएमएचओ को लेकर अनेक शिकायतें जिला प्रशासन तक पहुंच चुकी है, इसके बावजूद भी उन पर अब तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। मजे की बात तो यह है कि अब तो सोशल मीडिया पर भी इस बात की जंग छिड़ चुकी है कि अगर सीएमएचओ किसी का फोन उठाये तो उसे उचित इनाम दिया जाएगा। कोरोना काल में इस प्रकार की सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग अपने आप में प्रशासनिक सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है। गौर करने वाली बात यह है कि इसको लेकर जिला के मुख्या नमित मेहता अब तक कार्यवाही नहीं कर पाए है। आखिर में किसके दबाव में कार्यवाही से बच रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ माह पूर्व पूराने स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में लाखों रूपए के कबाड़ बेचने के मामले तथा पिछले महीने लगे एक शिविर में 133 जनों के टिकाकरण जैसे गंभीर मामले प्रकाश में आने के बाद भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को नोटिस तक नहीं दिया गया है। जबकि पिछले साल पीबीएम अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं के बाद समाचार पत्र और सोशल मीडिया की सुर्खियां बने पीबीएम प्रशासक पर तत्कालीन जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने गंभीरता दिखाते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखकर पीबीएम अधीक्षक को बदलने की बात कह डाली थी। क्या उनके जैसे ठोस निर्णय लेते हुए जिला नमित मेहता सरकार और प्रशासन की थू-थू के जिम्मेदार सीएमएचओ डॉ. कश्यप के खिलाफ कोई एक्शन ले पाएंगे। यह अब आम चर्चा का विषय बना हुआ है।