'मुख्यमंत्री की बेटी से बलात्कार', भाटी गले में तख्ती डाल पहुंचे सदन, अब फिर आए सुर्खियों में - Khulasa Online 'मुख्यमंत्री की बेटी से बलात्कार', भाटी गले में तख्ती डाल पहुंचे सदन, अब फिर आए सुर्खियों में - Khulasa Online

‘मुख्यमंत्री की बेटी से बलात्कार’, भाटी गले में तख्ती डाल पहुंचे सदन, अब फिर आए सुर्खियों में

– सोशल मीडिया में देवीसिंह भाटी पर खूब हो रही है चर्चा
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। एम.एस. कॉलेज की छात्रा के साथ हुई हैवानियत निर्भयकांड से भी घिनौना कदम है। इस घटना के बाद बीकानेर वासियों का गुस्सा उबल रहा है। इस दरिंगदगी के खिलाफ गुस्सा फूटना भी लाजिमी है। पूरा शहर एकजुट है और आरोपियों केा कड़ी सजा दिलवाना चाहते है । इस बीच जिले के नेताओं की चुप्पी शहरभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग यह समझ नहीं पा रह है कि आखिर नेताओं की चुप्पी किस कारण है। वहीं सोशल मीडिया में मगरे के शेर देवीसिंह भाटी की जरूर चर्चा हो रही है। कई सोशल यूजर्स देवीसिंह भाटी को दबंग नेता बता रहे है। इस तरह देवीसिंह भाटी एक बार फिर सुर्खियों में है।

एक वह नेता और एक यह नेता
बात 1986 की है बीकानेर में जिला परिषद के पीछे बापू कॉलोनी में रहने वाली एक बाल्मीकि बच्ची मंजू के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उस समय यह इलाका कोलायत विधानसभा में पड़ता था और तत्कालीन विधायक देवीसिंह भाटी विधानसभा में गले में तख्ती डालकर पहुंचे जिस पर लिखा था ‘मुख्यमंत्री की बेटी से बलात्कार’ बहुत हल्ला हुआ विपक्ष के नेता भैरों सिंह शेखावत ने बयान दिया कि क्या मंजू वालमीकि मुख्यमंत्री की बेटी नहीं हो सकती । बड़ा जन आंदोलन हुआ मुलजिम पकड़े गए और मंजू को न्याय मिला। एक दौर आज का है । 18 अगस्त को एम.एस.कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा गायब हुई उसके साथ गैंगरेप हुआ उसकी हत्या कर दी गई और आज 24 अगस्त है 6 दिन से वर्तमान की विधायक, सांसद कहां है किसी को जानकारी नहीं।

इनका कहना है
1986 में वाल्मीकि बच्ची मंजू के साथ जघन्य अपराध हुआ था। तब देवीसिंह भाटी ने लड़ाई लड़ी तब जाकर मंजू को न्याय मिला। अब इन नेताओं से हम क्या उम्मीद कर सकता है कि हमारे हकों के लिए लड़ेंगे हमारे मुद्दों पर बोलेंगे आखिर कब तक बीकानेर के लोग इस तरह के नेतृत्व को ढोते रहेंगे।
– डूंगर सिंह तेहनदेसर, सोशल एक्टिविस्ट, बीकानेर।

दरिदों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की जा रही है मांग
बीकाणे में इकबाल के बिखरने का सबसे बड़ा विस्फोट है। शांत शहर की पहचान रखने वाले बीकानेर की सारी धारणाएं बिखेर कर रख दी है। अब हालात यह है कि बीकानेर में गम और गुस्से का माहौल है। न्याय दिलाने को लेकर पूरा बीकाणा एक हुआ है और दरिदों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की जा रही है।

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