'नख-शिख सजे ऊंट, मूंछों पर ताव देते दिखे रौबीले - Khulasa Online 'नख-शिख सजे ऊंट, मूंछों पर ताव देते दिखे रौबीले - Khulasa Online

‘नख-शिख सजे ऊंट, मूंछों पर ताव देते दिखे रौबीले

बीकानेर। ‘नख-शिख सजे ऊंट, मूंछों पर ताव देते रौबीले, चंग की थाप के साथ गूंजते लोकगीत तो मशक वादन से बरबस ही देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते लोक कलाकार। ऐसे ही नजारे के साथ निकली शोभायात्रा के साथ बीकानेर में शनिवार से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव की शुरूआत हुई। सुबह शोभायात्रा जूनागढ़ से रवाना होकर डॉ. करणी सिंह स्टेडियम पहुंची। शोभायात्रा को जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम व जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। शोभा यात्रा के में कलाकारों के साथ ही ऊंट पर सवार राजस्थानीय पारम्परिक वेशभूषा में विदेशी पर्यटक और राजस्थान की पारम्परिक परिधान में कतारबद्ध बीकानेरी बालायें सिर पर कलश लेकर शोभायात्रा में अलग ही छटा बिखेर रहीं थी। सजे-धजे ऊंटों पर सवार राजस्थान की संस्कृति की झलक दिखाते रौबीलों को देखकर देशी-विदेशी मेहमान रोमांचित हो गये। स्टेडियम में आर्मी के बैगपाइपर बैंड ने सुमधुर स्वरलहरियां बिखेरकर समां बांध दिया। कार्यक्रम के अगले चरण में ऊंट सजावट, ऊंट कताई और ऊंट नृत्य प्रतियोगितायें हुई।सज धजे ऊंटों और ऊंट पर विभिन्न चित्रकारी देखकर पर्यटक अचम्भित रह गये तो ऊंट नृत्य और चारपाई पर ऊंट के करतब देखकर उन्होंने दांतों तले उंगली दबा ली।

वीआईपी कल्चर से आमजन परेशान
एक ओर तो जिला प्रशासन इस ऊंट उत्सव में आमजन की भागीदारी के भरसक प्रयास कर रहा है। वहीं दूसरी ओर वीआईपी कल्चर के चलते डॉ करणी सिंह स्टेडियम के अनुरूप भीड़ नहीं जुट पाई। जिसका बड़ा कारण पर्यटन विभाग की ओर से बांटे गये कार्ड रहे। आलम यह रहा कि जिस चाह से ऊंट उत्सव को देखने पहुंचे आमजन को अव्यवस्था के कारण निराश लौटना पड़ा। हालात ये रहे कि करीब 250 से ज्यादा वितरित किये गये वीआईपी पास में आधे ही इस उत्सव को देखने नहीं आए और सीटें खाली नजर आई। जैसे तैसे इन सीटों पर आमजन बैठने का प्रयास करने लगा तो पर्यटन विभाग की ओर से तैनात कार्यकर्ता उन्हें वहां से हटाने की कवायद करते रहे। जिससे परेशान होकर लोग कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चलते बने।


वोलियन्टरों की तानाशाही
पिछले इतने वर्षों में यह पहला मौका था कि पर्यटन विभाग की ओर से बड़ी संख्या में वोलियन्टरों को लगाया गया। जो अपने गले में डाले कार्ड के बल पर तानाशाहपूर्ण रवैये से ऊंट उत्सव देखने आएं लोगों को परेशान करते दिखे। यहीं नहीं ये वोलिन्टर तो अपने आप को विभाग के आलाधिकारी समझकर दर्शकों से बदतमीजी करते नजर आएं। जिसकी शिकायत कई लोगों ने मीडिया से भी की।
कलाकारों की बेकद्री
हालात ये रहे कि जिन कलाकारों के भरोसे इस ऊंट उत्सव को ख्याति देने का प्रयास किया जा रहा है। उनकी बेकद्री का आलम ये रहा कि उनके बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी। वे नीचे जमीन पर बैठे दिखे और उन्हें खानपान की व्यवस्था के लिये भी दो दो हाथ करने पड़े।

12 जनवरी

हैरिटेज वॉक
ऊंट दौड़
अश्व दौड़
पुरुष रस्साकशी प्रतियोगिता
महिला रस्साकशी प्रतियोगिता
कबड्डी खेल (प्रदर्शन मैच)
साफा बांध प्रतियोगिता (विदेशी पर्यटक)
ऊंट नृत्य
महिला मटका दौड़ प्रतियोगिता
महिला म्युजिकल चेयर प्रतियोगिता
राजस्थानी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
अग्नि नृत्य

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