पत्रकार के बैंक खातें में से सेंधमारी, बिना ओटीपी के निकले 25000 रुपये - Khulasa Online पत्रकार के बैंक खातें में से सेंधमारी, बिना ओटीपी के निकले 25000 रुपये - Khulasa Online

पत्रकार के बैंक खातें में से सेंधमारी, बिना ओटीपी के निकले 25000 रुपये

बीकानेर। सबसे बड़ी सरकारी बैंक एसबीआई के खातों से रुपये पार होना आजकल आम बात हो गई है। प्राय: लोगों की शिकायतें आती है किउनके खातों से बिना कोई ओटीपी, मैसेज आये रुपये खाते से पार हो गये है। जबकि बैंक के अधिकारी बड़े-बड़े दावें करते है कि अगर उनकी बैंक में खाता है तो उसने रुपये सुरक्षित है लेकिन ये सिर्फ दावें ही है ऐसा नहीं आये दिन रुपये पार होते है। बीकानेर के पत्रकार कुशल सिंहमेडतियां के खाते से पिछले 16 फरवरी से अब तक करीब 25000 रुपये पार हो चुके है जबकि उनके पास बैंक की कोई ओटीपी या मैसेज नहींआया है और रुपये उनके खाते से पार हो रहे है। उन्होनें जब अपना खाता देखा तो उनके होश उड़ गये कि उनके खाते से 25000 रुपये पार होगये और बैंक से कोई मैसेज नहीं आ रहा है। इससे ये साफ जाहिर होता है बैंक में जिनके खाते है उसमें किसी साइबर एक्सपर्ट व्यक्ति नेएसबीआई के कम्प्यूटरों में सेंधमारी कर रखी है जो आये दिन अलग अलग खातों से रुपये पार कर रहा है या कोई बैंक का कर्मचारी इसमेंशामिल हो। बैंक खातों से रुपये निकलने अब आम बात हो गई है लेकिन मजे की बात है इतनी शिकायतों के बाद भी बैंक अपने ग्राहकों केखातों को सुरक्षित रहने की गारंटी नहीं दे सकता है। आम आदमी की एकत्रित की गई धनराशि अगर बैंक से ही गायब होनी शुरु हो जाये तोवह अपनी पूंजी कहां रखे। इस पर बैंक प्रशासन और पुलिस प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। साइबर क्राईम बढ़ता जा रहा है। इससंबंध में इस संबंध में गांधी कॉलोनी लालगढ़ में निवास करने वाले पत्रकार कुशाल सिंह मेड़तिया बीछवाल पुलिस को रिपोर्ट देते हुए बताया किएसबीआई करणी नगर ब्रांच में अजय एंड ऐजंसी के नाम से चालू खाता है। आज सुबह मेड़तिया के मोबाइल पर मैसेज आया, जिसमें बताया किआपके खाते से पांच हजार रुपए निकल गए है, जबकि इस खाते का एटीएम कार्ड परिवादी मेड़तिया के पास था। इस मैसेज को देखने के बादमेड़तिया तुरंत पीपी ब्रांच पहुंचे और स्टेटमेंट निकलवाया तो कि उनके खाते से 16 फरवरी से आज दिनांक 21 फरवरी तक अलग-अलग किस्तोंमें कुल 25200 रुपए निकल चुके है। जबकि मेड़तिया के पास पांच हजार के सिवाय पैसे निकासी का कोई मैसेज ही नहीं आया। परिवादी मेड़तियाने बताया कि उन्होंने एटीएम के पिन नम्बर या कार्ड कभी भी किसी के साथ शेयर नहीं किया। परिवादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 420 व 66 सी आईटी अधिनियम के तहत मुकदम दर्ज कर जांच शुरू की।

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