विधानसभा में गरजे बिश्नोई, कहा- 'सरकार सांप की तरह मुँह फाड़े खड़ी है', देखें वीडियो - Khulasa Online विधानसभा में गरजे बिश्नोई, कहा- 'सरकार सांप की तरह मुँह फाड़े खड़ी है', देखें वीडियो - Khulasa Online

विधानसभा में गरजे बिश्नोई, कहा- ‘सरकार सांप की तरह मुँह फाड़े खड़ी है’, देखें वीडियो

खुलासा न्यूज़, नोखा । राजस्थान विधानसभा बजट सत्र 2020 में गुरुवार को शून्यकाल में पर्ची के माध्यम से नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने विधानसभा क्षेत्र नोखा में किसानों को बकाया बिल के नाम पर विधुत विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों के द्वारा परेशान किये जाने से उत्पन्न स्थिति के संबंध में सरकार का ध्यान खींचा । श्री बिश्नोई ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र नोखा में कृषि कनेक्शन वाले दस हजार से ज्यादा किसान है । इनमें काश्तकार को भी मिला दें तो बीस हजार परिवार प्रभावित होते है । किसान पहले से ही बेमौसम बरसात,ओलावृष्टि और टिडडी के हमले से खरीफ की पक्की हुई फसले व कटकर बाजार में बिकने को तैयार फसलों में हुवे भारी नुकसान से पीडि़त है । प्रत्येक काश्तकार को 2 लाख तक का नुकसान हुआ था । अब रबी की फसल के पकाव का समय है और विधुत विभाग के कर्मचारी गिद्ध की तरह टूट पड़े है, कनेक्शन काटे जा रहे है, लाखो रुपये की वीसीआर भरी जा रही है । काश्तकारो को प्रताडि़त किया जा रहा है । साहूकार भी किसान को आमदनी ना हो या उसकी फसल ना बिकी हो तो तकादा करने नही जाता । जबकि सरकार अन्नदाता को परेशान करने में लगी है । बिश्नोई ने सरकार को आगाह करते हुवे कहा कि सरकार अन्नदाता के साथ सांप-सीढ़ी का खेल ना खेले मतलब 99 पर सरकार सांप की तरह मुँह फाड़े खड़ी है जो किसान को सौ पर पहुंचने से पहले ही निगल कर 6 पर लाकर छोड़ देती है । सरकार किसान के लिए सीढ़ी का काम करे ना की सांप का । क्योंकि उसी किसान की पीठ को सीढ़ी बनाकर आप सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे हो, अब उसी सीढ़ी को गिराने का काम मत करो वरना परेशान अन्नदाता जब सत्ता से बेदखल करेगा तो बिना सीढ़ी के सत्ता के शीर्ष से गिरने पर गम्भीर चोट लगा बैठोगे । बिश्नोई ने ऊर्जा मंत्री डॉ बी डी कल्ला से मांग करते हुवे कहा कि एम डी जोधपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड को सख्त निर्देशित करे कि अन्नदाता की फसल पककर बिकने तक कृषि कनेक्शन नही काटे जाए, काटे हुवे कनेक्शन बिना शर्त पुन: जोड़ा जाए और मार्च माह में काश्तकारों का जो कुल बकाया है उसमे से ब्याज व जुर्माना माफ करके शेष बकाया को दो या तीन किश्तों में वसूला जाए । ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके ।

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