विधानसभा में गूंजे बिश्नोई, कहा- किसान आत्महत्या के लिए मजबूर, क्या कर रही है सरकार - Khulasa Online विधानसभा में गूंजे बिश्नोई, कहा- किसान आत्महत्या के लिए मजबूर, क्या कर रही है सरकार - Khulasa Online

विधानसभा में गूंजे बिश्नोई, कहा- किसान आत्महत्या के लिए मजबूर, क्या कर रही है सरकार

नोखा । राजस्थान विधानसभा बजट सत्र 2020 में मंगलवार को नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने राजस्थान विधानसभा में राजस्थान कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 चर्चा में भाग लिया ।
बिश्नोई ने कहा कि इस संशोधन में सरकार किसान की जगह कृषक करके लाई है । किसान नाम मे तो आन बान शान जुड़ी हुई है । जो इस सरकार को मंजूर नही है । किसानों को कर्जमाफी का झुनझुना देकर, किसानों को बरगलाकर, किसानों के साथ धोखा करके सत्ता में आई सरकार किसान की आन बान शान से खेलने का काम कर रही है । किसान की जगह कृषक संस्कृत का शब्द लेकर आये है । सरकार को इस संस्कृत शब्द के मायने मालूम होने चाहिए । सरकार की नजर में किसान तो मेहनत करके तबाह हो जाये  सरकार को इससे कोई लेना देना नही ।
बिश्नोई ने कहा कि इस संशोधन में नाम परिवर्तन किया है पहले किसान कल्याण कोष था । उसमें फसल के बिजान से लेकर बाजार तक ले जाने का काम था । लेकिन इसमें परक्षण व प्रोसेस के काम होंगे । बिश्नोई ने कहा कि इस कोष में किसान को कंही शामिल नही किया गया है किसान इसमें शामिल होता तो किटनोद के भगाराम मेघवाल टिड्डी दल हमले के सदमे से दम तोड़ देता है फिर भी सरकार ने अभी तक उसकी कोई सहायता नही दी है और ना ही न्याय मिला है ।  ऐसी तरह गुड़ामालानी के निम्बाराम को भी न्याय नही मिला है ।

बिश्नोई ने कहा कि गंगानगर व हनुमानगढ़ जो धान का कटोरा है राजस्थान का ।इस क्षेत्र के किसान की आज स्थिति क्या है ? 4 दिन में 2 किसान ने आत्महत्या की और साल भर में 7 किसानों ने आत्महत्या की,  ये हाल है इन जिलों की । तो किसान कल्याण कोष बिल लाना , किसान हित की बात करना ये सारी बाते बेमानी हो जाती है ।बिश्नोई ने कहा कि आज इसमें एमएसपी की बात लेकर आये । हमने पिछली बार भी बात की । बीकानेर जो पूरी दुनिया मे भुजिया, नमकीन के लिए विख्यात है । भुजिया व नमकीन मौठ से बनता है । मौठ की पैदावार बीकानेर में सबसे ज्यादा होती है । लेकिन मोठ आज भी एमएसपी के दायरे में नही है । सरकार इस पर भी ध्यान दे । सरकार को सदन से इस प्रस्ताव पास करवाना चाहिए । इसके अलावा पश्चिम राजस्थान की बहुत बड़ी फसल ग्वार को भी एमएसपी में शामिल किया जाना चाहिए । बिश्नोई ने कहा कि सरकार 1000 करोड़ का कृषक कल्याण कोष बनाएगी । इस ऋण को चुकाने के लिए अनाज, फल सब्जी मंडी की आय के 5 प्रतिशत से ऋण अदा किया जाएगा । जबकि मंडियों की स्थिति आपसे छुपी हुई नही है । कृषि मंडियों को ढांचा चरमरा चुका है । कृषि मंडी से सड़के कंहा बन रही है । बजट अभिभाषण में बताया कि 14 माह में 139 करोड़ की सड़कें बनाई है । नोखा में तो एक किलोमीटर भी नही बनी । पिछली सरकार में नाथूसर से बगरावाला धोरा तक 4 किलोमीटर सड़क स्वीकृत करवाई थी जिनका कार्य शुरू होना बाकी था को  निरस्त जरूर कर दिया ।

बिश्नोई ने कहा कि सरकार ने बजट अभिभाषण में 1.50 रुपया प्रति सैंकड़ा उपभोक्ता प्रभार को समाप्त कर दिया । ये किसान पर नही उपभोक्ता पर लगता था । फल सब्जी मंडी की आपने कमर तोड़ दी है । नोखा विधानसभा क्षेत्र में फल सब्जी मंडी शहर के अंदर चलती है जंहा काफी भीड़ रहती है और आवारा पशुओं के द्वारा हादसे होते रहते है । स्वंतत्र मंडी बनाने का आधार ये है कि वार्षिक आय न्यूनतम  40 लाख होनी चाहिए । आपने उपभोक्ता प्रभार ही समाप्त कर दिया तो मंडियों का विकास कैसे संभव है । सरकार  नोखा में  कृषक कल्याण कोष से नई  मंडी का विकास किया जाए  ताकि पश्चिम राजस्थान की मरुभूमि पर उगने वाली केर व सांगरी को नई पहचान मिल सके तथा यंहा के किसानों को केर, सांगरी तथा मरुप्रदेश की सब्जियों को विपणन हेतु अवसर मिल सके । इस संशोधन में कंही भी किसान हित की बात नही लगती  । किसान की पीठ को सीढ़ी बनाकर सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे हो , इस सीढ़ी को गिराने का काम मत करो । इस पीठ व सीढ़ी को मजबूत करने का काम करो । इस बिल को जनमत जानने के लिए परिचारित करता हूँ ।

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