बीकानेर- घर पर ही हुई काेराेना संक्रमित की मौत , देवरानी-जेठानी की एक ही दिन में दुःखद निधन - Khulasa Online बीकानेर- घर पर ही हुई काेराेना संक्रमित की मौत , देवरानी-जेठानी की एक ही दिन में दुःखद निधन - Khulasa Online

बीकानेर- घर पर ही हुई काेराेना संक्रमित की मौत , देवरानी-जेठानी की एक ही दिन में दुःखद निधन

श्रीडूंगरगढ़  । श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में काेराेना के कारण अभी तक चिकित्सालयाें में ही माैत हाेने के समाचार थे लेकिन अब क्षेत्र में काेराेना से अपने घर पर ही पहली मृत्यु हाेना सामने आया है। तहसील के गांव सत्तासर में चार वर्षाें से बीमार चल रहे 48 वर्षीय लक्ष्मणसिंह पुत्र विजयसिंह का निधन काेराेना से हाे गया है। माेमासर चिकित्सालय प्रभारी डाक्टर सीताराम यादव ने बताया कि सत्तासर निवासी लक्ष्मणसिंह के गले का कैंसर था एवं रेडियाेथैरेपी, किमाेथेरेपी पद्धति से उपचार बीकानेर जाकर ले रहे थे। उन्होंने 3 मई काे बीकानेर में सैम्पल दिया था एवं अपने घर आ गए थे। 4 काे उनकी रिपाेर्ट संक्रमित आई एवं उसी दिन शाम काे उनका निधन हाे गया था। रात्रि हाेने के कारण अंतिम संस्कार नहीं करवा पाए एवं परिजनाें की सूचना के बाद पुलिस एवं चिकित्साकर्मियाें ने माैके पर पहुंच काेराेना प्रोटोकॉल से उनका अंतिम संस्कार करवाया। वहीं दूसरी और श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के श्मशान घाट में गुरूवार काे तीन शवाें का अंतिम संस्कार काेराेना प्राेटाेकाल के साथ किया गया। हालांकि केवल केशवदेव शर्मा एक की ही चिकित्सा विभाग ने संक्रमित मृत्यु आंकड़ो में माना है। लेकिन कालूबास का निवासी 25 वर्षीय युवक सूर्यप्रकाश माली एवं 42 वर्षीय वर्षा देवी राठी का अंतिम संस्कार भी पीपीई किट में ही किया गया है। वर्षा देवी राठी पहले काेराेना संक्रमित थी एवं जयपुर में उनका उपचार चला था। इन सब से अलग गांव टेऊ की सगी देवरानी-जेठानी की मृत्यु एक ही दिन काेराेना सिम्टम्स के बाद हाे गई है। गांव टेऊ की निवासी इमरतीदेवी पत्नी सरदाराराम जाखड़ एवं रामीदेवी पत्नी गाेविंदराम जाखड़ दाेनाे सगी देवरानी जेठानी थी एवं एक विवाह में शामिल हाेने के बाद दाेनाें में ही काेराेना के सिम्टम्स अाए थे। दाेनाे की तबीयत बिगड़ने पर बीकानेर ले जाया गया तथा दाेनाे की ही मृत्यु बुधवार काे हाे गई। परिजनाें ने दाेनाे का अंतिम संस्कार एक साथ ही पुरे काेविड प्राेटाेकाल के साथा किया है। इनके अलावा क्षेत्र में कई और माैतें ऐसी हाे रही है जाे आंकड़ों व जांचाें से कहीं दूर है। ऐसे में अब क्षेत्र में काेराेना घातक स्थिति में पहुंच गया है एवं घराें में रह कर खुद काे सुरक्षित रखना ही बचाव का एकमात्र उपाय नजर आ रहा है।

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