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अधिकारी के दुव्र्यवहार से परेशान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने SDM को सुनाया अपना दुखड़ा


खुलासा न्यूज, बीकानेर। गांवों के सरकारी स्कूलों की प्रबधंन समिति से लेकर पंचायतराज चुनावों, निकाय चुनावों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण देकर राज्य की गहलोत सरकार भले ही अपने आप को महिला सम्मान एवं महिला अधिकारों की हिमायती साबित करने में जुटी हो, लेकिन इसी सरकार के एक अधिकारी द्वारा अपने ही विभाग की महिला कार्मिकों के साथ अशोभनीय व्यवहार कर सरकार की महिला का सम्मान करने की गढ़ी जा रही छवि को धूमिल किया है। यह विडम्बना की स्थिति बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ तहसील में सामने आई है। यहां पर शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास अधिकारी द्वारा आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार से परेशान आंगनबाडी कार्यकर्ताएं एवं सहायिकाओं ने उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर अपना दुखड़ा प्रशासन को सुनाया। इस विभाग का भ्रष्टाचार तो सर्वविदित है परन्तु आज यह विभाग के गलियारों से बाहर आ गया है। अपने ही कर्मचारियों द्वारा आरोप लगाना अत्यन्त गंभीर है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिका युनियन ने बालविकास परियोजना के महिला पर्यवेक्षक व सीडीपीओ पर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। युनियन ने उपखण्ड अधिकारी राकेश न्यौल को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि सीडीपीओ द्वारा पोषाहार सप्लाई टेंडर में जम कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है एवं सभी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को भ्रष्टाचार में सहयोगी बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है। महिलाओं ने ज्ञापन में बताया कि आंगनबाडियों पर पोषाहार सप्लाई का टेंडर सीडीपीओ द्वारा भाईभतीजावाद में दिये गए टेंडर के माध्यम से आंगनबाडियों तक बेहद घटिया गुणवत्ता वाला पोषाहार पहुंचाया जा रहा है। यूनियन की तहसील अध्यक्षा संतोष ने बताया कि इसका विरोध करने एवं गुणवत्ता वाला पोषाहार सप्लाई करवाने की मांग करने वाली महिला कर्मचारियों को पर्यवेक्षक एवं सीडिपीओ द्वारा परेशान किया जा रहा है। अधिकारियों ने व्हाटसअप पर अशोभनीय टिप्पणियां करके विभाग में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। साथिनों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिन महिलाओं की बीमा पूरी हो गयी उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है। सीडीपीओ महिला कर्मचारियों के अवकाश स्वीकृत नहीं कर रहे है। यूनियन ने कहा कि चार साल से स्टेशनरी का सामान नहीं दिया जा रहा है। अपने प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने कार्यवाही नहीं करने पर उपखंड कार्यालय पर धरना देने की चेतावनी भी प्रशासन को दी है।

क्या ऐसे अधिकारी की प्रशासन को नहीं है जानकारी?
बालविकास परियोजना में भ्रष्टाचार जग जाहिर है परन्तु आज स्थिति इतनी गंभीर हो गयी कि महिलाओं को उपखंड अधिकारी के पास जा कर न्याय मांगना पड़ा। क्या प्रशासन को इस बारे में जानकारी नहीं रही होगी कि जो धांधलियां चल रही है उनमें सीडीपीओ का व्यवहार आग में घी का काम कर रहा है। क्षेत्र इस इंतजार में है कि प्रशासन महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनते हुए अधिकारी को पाबंद करें व निष्पक्ष जांच की जाए।

पोषाहार पर प्रशासन सचेत रहकर कार्य करें- ये थे निर्देश
पोषाहार को लेकर गड़बडिय़ों की जानकारी जयपुर तक अधिकारियों को है। गत 20 नवम्बर को जिला प्रभारी सीनियर आईएएस डॉ आर वेंकटेश्वर ने इसे गंभीरता से लेते हुए पोषाहार व्यवस्था सुचारू करवाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की थी कि पोषाहार मामले में प्रशासन ध्यान दें और शीघ्र आंगनबाड़ी में पोषाहार पहुंचाने का प्रबंध करें।

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