चार दिन बाद बीकानेर जिले में खुलेंगे समस्त धर्म स्थल - Khulasa Online चार दिन बाद बीकानेर जिले में खुलेंगे समस्त धर्म स्थल - Khulasa Online

चार दिन बाद बीकानेर जिले में खुलेंगे समस्त धर्म स्थल

7 सितंबर से खुलेंगे जिले में समस्त धर्म स्थल
कोरोना एडवाइजरी की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश

बीकानेर । जिले के समस्त धर्मस्थल 7 सितंबर से खोल दिए जाएंगे। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में धर्म गुरुओं के साथ आयोजित बैठक में यह जानकारी दी। जिला कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार धर्मस्थल खोले जाने के बाद कोरोना एडवाइजरी केेे अनुपालना की जिम्मेदारी धर्मस्थल संचालकों की रहेगी । मेहता ने कहा कि दर्शन प्रार्थना, पूजा-पाठ आदि के दौरान आने वाले लोगों में आपसी संपर्क ना हो यह सुनिश्चित करने के साथ ही साफ-सफाई आदि के सम्बंध में भी विशेष एहतियात बरतनी होगी। गर्भस्थान आदि में पुजारी के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति प्रवेश ना करें। जिला कलक्टर ने कहा कि बड़े मंदिर अपने परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं।
काॅमन इस्तेमाल की चीजें ना हो प्रयुक्त
जिला कलेक्टर मेहता ने कहा कि धर्मस्थलों में कॉमन इस्तेमाल की चीजें प्रयुक्त ना हो यह सुनिश्चित किया जाए। प्रार्थना आदि में सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन हो। जिला कलेक्टर ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं व कोमोरबोटिडी लोगों को केवल अति आवश्यक परिस्थितियों में ही बाहर निकलने की सलाह है। जिला कलेक्टर ने कहा कि धर्मस्थान संचालकों द्वारा नियमों की पालना सुनिश्चित की जाए जिससे ऐसी नौबत ना आए कि किसी स्थान विशेष को भीड़ आदि जुटने के कारण बंद करना पड़े। जिला कलक्टर ने कहा कि संचालकों का दायित्व होगा कि परिसर में प्रवेश करने वाले लोगों के हैंड सेनटाइज करवाने की व्यवस्था करें। इस कार्य में संचालक स्वयंसेवकों का सहयोग लिया जा सकता है।
परिसर में लगाएं लाउडस्पीकर
जिला कलेक्टर ने कहा कि धर्मस्थल संचालक अपने यहां परिसर में लाउडस्पीकर लगवाएं। लाउडस्पीकर के माध्यम से मुख्य पुजारी या संत द्वारा आमजन को कोरोना एडवाइजरी की अनुपालना के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्य दिनों या भीड़ होने की संभावना की स्थिति में तहसीलदार एसडीएम या डिप्टी एसपी से सम्पर्क कर प्रशासन से मदद ली जा सकती है। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक को प्रह्लाद सिंह कृष्णिया ने कहा कि संचालक यह तय करें कि कितने लोग प्रवेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुद्दे के भावनात्मक पक्ष को देखते हुए यह प्रयास किया जाए कि पुलिस का हस्तक्षेप कम से कम हो तथा ट्रस्ट व संस्थाएं स्वयंसेवकों के माध्यम से समस्त व्यवस्थाएं करें जिससे लोग स्वयं अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझें और सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनेटाइजेशन जैसी समस्त व्यवस्थाएं चाक-चैबंद रह सके। उन्होंने कहा कि थानावार सीएलजी से भी व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग लिया जा सकता है।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए एच गौरी, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुनीता चौधरी  ,एसीपी सत्येन्द्र राठौड़ , एसडीएम बीकानेर मीनू वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बी. एल. मीना, सहित लालेश्वर महादेव मंदिर के संवित सोमगिरि जी महाराज, देशनोक श्री करणी मंदिर के  जगदीश दान, सियाणा भैरव मंदिर के सवाई सिंह सांखला, रानी बाजार गुरूद्वारा के जसविन्द्र सिंह, लक्ष्मीनाथ मंदिर के शिवचंद भोजक, सादुलगंज गुरूद्वारा के तारासिंह ग्रंथी, शहर काजी हाजी  मुश्ताक अहमद, सेंट मार्कस सी एन चर्च की रेण्हरेन क्रिस्टीना डेनियल, कोडमदेसर पूनरासर के महावीर बोथरा, बजरंग धोरा के मनमोहन दाधिच, जंभेश्वर मुकाम मंदिर सहित विभिन्न प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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