आखिर बीकानेर में क्यों भड़के किसान,देखे पूरी खबर
बीकानेर। भारतमाला एनएच 754 के तहत आवाप्त हुई किसानों की भूमि का प्राप्त मुआवजे की मांग को लेकर सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट पर किसानों की महापंचायत हुई। जिसमें एक मत से प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक पूरा मुआवजा नहीं मिलेगा। तब तक किसान संघर्ष करता रहेगा। किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए श्रीडूंगरगढ़ विधायक गिरधारी महिया ने कहा कि भारतमाला सड़क परियोजना में राजस्थान के गंगानगर जिले से लेकर बीकानेर, बाड़मेर, जोधपुर, जालोर आदि जिलों में किसानों की अवाप्त भूमि का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। उन्हो ंने किसानों की अवाप्त भूमि का मुआवजा बाजार मूल्य से 4 गुना अधिक देने और अवाप्ति में अगर कोई भी कच्चा और पक्का निर्माण किसी का टूट रहा है या कोई फसल बोई हुई है तो उनका भी अलग से मु आवजा देने की मांग रखी। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश दलाल ने कहा की राजस्थान में मात्र 1 लाख 20 हजार प्रति एकड़ ही दिया जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करके प ंजाब की तर्ज पर राजस्थान में मुआवजा देकर सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले किसानों को राहत दी जाएं। किसान नेता लालचंद भादू ने कहा कि न तो कांग्रेस और न भाजपा नेता किसानों के हित में आगे आ रहे है और न ही सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है तथा प्रशासनिक अधिकारी आंखे मुंदकर बैठे है। ऐसे में पिछले सौ दिनों से संघर्ष कर रहे किसानों को उनका हक नहीं मिल रहा है। उन्होंने किसानों को आन्दोलन के लिये तैयार रहने का आह्वान किया। इस दौरान भंवरलाल गौरछिया,गोपालाराम कूकणा,जेठाराम लाखूसर सहित अनेक वक्ताओं ने संबोधित करते हुए मांग नहीं माने जाने की स्थिति में सड़कों पर उतरने की बात कही। महापंचायत में संघर्ष समिति अध्यक्ष छोगाराम तर्ड, किसान नेता भरत कस्वां, हंसराज जाखड़, भागीरथ गोदारा, रूघाराम गोदारा भोजेरा, रामगोपाल मूण्ड राणीसर, ख्यालीराम मूण्ड राणीसर, प्रभूराम मूण्ड राणीसर आदि किसान शामिल थे।