आखिर यूआईटी ने सवा मुरब्बा भूमि पर मेडिकल कॉलेज का निशुल्क पटटा बनाया
बीकानेर। श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर सरकारी मेडिकल कॉलेज का निर्माण के लिए एक और कदम बढ़ाया गया है। नगर विकास न्यास की सचिव डा. हरितिमा ने राजकीय जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के नाम पर 8.837 हैक्टर भूमि यानि करीब सवा मुरब्बा भूमि का पट्टा जारी कर दिया।
इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया गया है। निशुल्क जारी हुए इस पट्टे से कॉलेज निर्माण में सहयोग मिला। अमूमन तौर पर कोई भी राज्य या केन्द्र सरकार की ओर से बजट राशि का उपयोग के लिए भवन निर्माण के संबंध में मालिकाना हक यानि पट्टे की जरुरत रहती है। चिकित्सालय के प्रशासनिक अधिकारी धीरज कुमार को यह पट्टा सौंपा।
इस पट्टे का इस्तेमाल चिकित्सा विभाग अपने स्तर उपयो कर सकेगा। इसके अलावा वहां अग्नि शमन सेवा केन्द्र या एम्बुलैंस या पुलिस थाना के लिए पांच प्रतिशत भूमि का आवटित करने का अधिकार पीएमओ के पास रहेगा
पांच दिन पहले प्रदेश के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मेडिकल कॉलेज का अगले चार साल में निर्माण कराने के लिए बजट का प्रावधान रखा था।
इस कॉेलेज सहित पन्द्रह मेडिकल कॉलेजों पर पांच हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी, इसमें केन्द्र सरकार का 60 प्रतिशत हिस्सा तीन हजार रुपए और राज्य का हिस्सा 40 प्रतिशत यानि दो हजार करोड़ रुपए का बजट शामिल होगा। हालांकि पिछले एक साल की समय अवधि में राज्य सरकार ने सिर्फ कॉलेज निर्माण की नोडल एजेंसी तय करने का कदम उठाया है।>ज्ञात रहे कि जिला मुख्यालय पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण के संबंध में चिकित्सा शिक्षा के शासन सचिव वैभव गालरिया ने 5 फरवरी को जारी किए गए आदेश में बताया था कि 30 जनवरी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में श्रीगंगानगर सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कार्यकारी एजेंसी आरएसआरडीसीसी लिमिटेड जयपुर को अधिकृत किया था।
<श्च>इस एजेंसी को केन्द्रीय प्रवर्तित योजना फेज 3 के तहत श्रीगंगानगर सहित तीन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण और जिला अस्पताल उन्नयन कार्य के लिए कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया है। एमओए की शर्त निर्धारित होने पर वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे। गत पांच दिन पहले राज्य बजट में सीएम ने बजट का प्रावधान रखा था। मंगलवार को यूआईटी ने इस प्रस्तावित कॉलेज निर्माण के लिए पट़टा जारी कर दिया है।