मनरेगा में गड़बडिय़ों की शिकायत पर प्रशासन नहीं है गंभीर,शिकायतकर्ताओं को कैसे न्याय मिलेगा - Khulasa Online मनरेगा में गड़बडिय़ों की शिकायत पर प्रशासन नहीं है गंभीर,शिकायतकर्ताओं को कैसे न्याय मिलेगा - Khulasa Online

मनरेगा में गड़बडिय़ों की शिकायत पर प्रशासन नहीं है गंभीर,शिकायतकर्ताओं को कैसे न्याय मिलेगा

बीकानेर। केन्द्र सरकार की रोजगान्मुखी योजना मनरेगा पर भ्रष्टाचार की भेंट जाता जा रहा है। जिले में अनेक तहसीलों में लगातार मनरेगा में भ्रष्टाचार की शिकायतें जिला कलक्टर को किये जाने के बाद भी किसी तरह की सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके चलते पंचायत स्तर के अधिकारियों व कार्मिकों के हौसले बुलंद होते जा रहे है। हालात यह है कि किसी गांव में जोहड़ निर्माण को लेकर फर्जी भुगतान हो गये तो कही एक ही व्यक्ति के नाम से दो से चार जॉब कार्ड बनाकर भुगतान उठाकर राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अब ताजा मामला गुंसाईसर ग्राम पंचायत का है। जहां मनरेगा कार्यों में सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा बड़े स्तर पर घोटाले की शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता रामेश्वर जाट,पूनमचंद जाट व भगवानाराम शर्मा ने जिला कलक्टर को दुबारा एक ज्ञापन देकर यहां हो रही गड़बड़ी को उजागर किया है। इन शिकायतकर्ताओं ने बताया कि गांव में एक ही व्यक्ति के नाम के दो से तीन जॉब कार्ड बने हुए है तथा एक ही व्यक्ति दोनो ं,तीनों जॉब कार्ड पर कार्य करना बतलाया जा रहा है। जो संभव नहीं है। पूर्व में भी इनके खिलाफ शिकायती पत्र दे रखा है किन्तु अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जो प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते है।
इन व्यक्ति के बने है एक से ज्यादा कार्ड
शिकायतकर्ताओं ने जिला कलक्टर को दिये दस्तावेज में अवगत कराया कि गांव के रामलाल पुत्र पन्नाराम जाखड़,जगदीश पुत्र सुखाराम जाखड़,मांगीलाल पुत्र सुरजाराम जाखड़,मदनलाल पुत्र दानाराम जाखड़,गोपालराम पुत्र गंगाराम जाखड़,सूरजाराम पुत्र खुमाराम जाखड़,धर्माराम पुत्र चूनाराम जाखड़,दाऊराम पुत्र तन्नाराम शर्मा,संतोष कुमार पुत्र रामलाल जाट,रामेश्वरलाल पुत्र डालाराम जाट के नाम से दो दो जॉबकार्ड बने हुए है। जबकि इन नामों के गांव में एक ही व्यक्ति है।
कॉपरेटिव व्यवस्थापक के बना है जॉबकार्ड
मजे की बात तो यह है कि मनरेगा में उन श्रमिकों को रोजगार दिया जाता है,जो गरीबी रेखा से जीवनयापन कर रहे हो। लेकिन गिरधारी राम शर्मा पुत्र किस्तूराराम जो कॉपरेटिव अध्यक्ष है और उनके पुत्र के राधेश्याम के नाम से जॉबकार्ड बना हुआ है। यहीं नहीं गिरधारी की पत्नि तीजा देवी के नाम से एक अलग जॉबकार्ड है। कॉपरेटिव व्यवस्थापक होने के बाद भी राधेश्याम का जॉबकार्ड बनाया जाना भ्रष्टाचार को उजागर करता है। वहीं किशनलाल जो जयपुर रहता है। उसका भी जॉबकार्ड गांव में बना हुआ है।

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